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बाल दिन


बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गई थी, जिसके बाद 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। यूएन ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की लेकिन यह अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। कुछ देशों में आज भी 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। 1950 से कई देशों में बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर ही बाल दिवस मनाया जाता है। जिसे वर्ल्ड चिल्ड्रन डे के नाम से जाना जाता है। यह दिन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने की याद दिलाता है।
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल की जंयती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित नेहरू भारत की आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री बने। भारत में इनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। भारत के अलावा बाल दिवस दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जाता है। कहा जाता है कि पंडित नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में चुना गया। पंडित नेहरू ने भारत की आजादी के बाद बच्चों की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया। उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की थी।

बाल दिवस पर जानिए चाचा नेहरू की ये बातें
1. पंडित जवाहर लाल नेहरू एक विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवार से आते थे. वह पेशे से वकील पंडित मोतीलाल नेहरू और हाउस वाइफ स्वरूप रानी के चार बच्चों में सबसे बड़े पुत्र थे. 

2. जवाहर लाल नेहरू ने अपनी 16 साल तक की उम्र में अंग्रेजी की अच्छी खासी पढ़ाई कर ली थी. भारत की संस्कृति को जानने के लिए उन्होंने हिंदी और संस्कृत का भी संपूर्ण ज्ञान प्राप्त किया. इसके बाद 1905 में नेहरू अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए. उन्होंने यहां तीन साल रहकर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से नेचुरल साइंस में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. उन्होनें इसके बाद लंदन में 2 साल की उच्च शिक्षा प्राप्त कर बैरिस्टर बनने के लिए क्वालिफाई किया.

3. जवाहर लाल नेहरू ने 1916 में कमला नेहरू से शादी कर ली, इसके एक साल बाद उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था. 

4. नेहरू का वकालत के प्रति भी काफी जुनून था. वह इसके लिए वकालत की प्रैक्टिस भी करते थे. लेकिन यह काफी कम समय के लिए ही था. इसके बाद जवाहर लाल नेहरू को महात्मा गांधी की बिना भय और नफरत के ब्रिटिश साम्राज्य के प्रति उनकी विचारधारा ने प्रभावित किया. 

5. जवाहर लाल नेहरू लोगों के प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ एक अच्छे राजनेता, बुद्धिजीवी और एक स्कॉलर थे. इसके अलावा वह उस दौर के सबसे लंबे कद के प्रधानमंत्री भी थे. उन्होंने अर्थव्यवस्था, विज्ञान, टेक्नॉलजी, अन्तरराष्ट्रीय संबंध और शिक्षा की बड़ी योजनाओं से देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने का काम किया. 

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