जोसेफ़ जॉन थॉमसन (१८ दिसम्बर १८५६ - ३० अगस्त १९४०)}[1]अंग्रेज़ भौतिक विज्ञानी थे। वो रॉयल सोसायटी ऑफ़ लंदन के निर्वाचित सदस्य थे।[2] एक विख्यात वैज्ञानिक थे। उन्हौंने इलेक्ट्रॉनकी खोज की थी।
थॉमसन गैसों में बिजली के चालन पर अपने काम के लिए भौतिकी में 1906 नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये गए।[3] उनके सात छात्रों में उनके बेटे जॉर्ज पेजेट थॉमसन सहित सभी भौतिक विज्ञान में या तो रसायन शास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता बने।[4] उनका रिकॉर्ड केवल जर्मन भौतिकशास्त्री अर्नाल्ड सोम्मेरफील्ड के बराबर है।
विज्ञानी जीवन
थॉमसन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तथा रॉयल इंस्टीट्यूशन, लंदन में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर मानद प्रोफेसर रहे। परमाणु संरचना में थॉमसन की विशेष रुचि थी।मोशन ऑफ़ वोरटेक्स रिंग्स पर १९८४ में एडम्स पुरस्कार मिला।१८९६ में थॉमसन अपनी नवीन खोजों से सम्बंधित व्याख्यान देने के लिए अमेरिका गए। वर्ष १९०४ में पुनः विद्युत् पर येल विश्वविद्यालय में छह व्याख्यान देने के लिए अमेरिका गए।
इलेक्ट्रॉन की खोज
विभिन्न वैज्ञानिकों, जैसे विलियम प्राउट और नॉर्मन लॉकयर ने यह सुझाव दिया कि परमाणु कुछ अन्य मूलभूत इकाइयों से मिलकर बना हुआ है, लेकिन उन्होंने इसे लघुतम आकार वाले परमाणु, हाइड्रोजन से मिलकर बना हुआ मानने लगे। थॉमसन ने वर्ष १८९७ में पहली बार सुझाव दिया कि इसकी मूलभूत इकाई परमाणु के १००० वें भाग से भी छोटी है। इस तरह उन्होंने अपरमाणुक कण का सुझाव दिया जिसे आज इलेक्ट्रॉन के नाम से जाना जाता है। थॉमसन ने यह कैथोड़ किरणों के गुणधर्मों पर अन्वेषण करते हुये पाया। थॉमसन ने ३० अप्रैल १८९७ को पहली अपनी खोज में पाया कि कैथोड़ किरणें (उस समय इन्हें लेनार्ड किरणों के नाम से जाना जाता था) हवा में परमाणु-आकार वाले कणों से कई गुणा अधिक तेजी से गति कर सकती हैं।
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